किसे ढूंढते हैं, ये सूने नयन ? स्मृतियों में क्यों, हो रहे विह्वल , किस हेतु उन्मीलित, हैं ये अविरल / स्पंदन हीन हृदय , औ नीरद अयन किसे ढूंढते हैं, ये सूने नयन ? अछिन्न श्वासें ढोकर ये जीवन, भ्रमित भटका कोलाहल, कानन/ कब मिलेगा मुझे, वह चिर शयन! किसे ढूंढते हैं, ये सूने नयन ? श्रांत हो चली अब, ये आहत सांसें , होगा कब मिलन पूर्ण होंगी आशें! अपूर्ण रहा कुछ शेष , है अपूर्ण मिलन ! किसे ढूंढते हैं, ये सूने नयन ?
आपके विचारों का प्रतिबिम्ब !