ले - दे कर सांसें ,हम जी लेंगे, झांसों के प्याले , हम पी लेंगे। तेरी हाँ में हाँ मुनासिब नहीं, तेरी रज़ा है तो, लब सी लेंगे। तेरे वादों से उठ गया यकीं, तू कहे तो कर यह भी लेंगे। क्या बाजार सजायी है जुमलों की, लुत्फ़ इन जुमलों का हम भी लेंगे। क्या करेगी ये अवाम पढ़-लिख कर , सौ ग्राम राशन पर सब जी लेंगे। ले - दे कर सांसें ,हम जी लेंगे, झांसों के प्याले , हम पी लेंगे।
आपके विचारों का प्रतिबिम्ब !