बाज़ार वाद हावी है, रोटियों के लिए बिकना पड़ता है माँ को भी। शेम्पियन सस्ती है, उनके लिए, जो दो रोटियों की कीमत में। खरीदते हैं रातें एक अबला की। बनाते रहो यूँ ही बाज़ार, तभी तो पनपता रहेगा बाज़ार वाद ।
आपके विचारों का प्रतिबिम्ब !
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