काम आऊं दूसरों के, दर्द बांटूं मैं उनके, मानव का कल्याण करूं , मेरी यह अभिलाषा है ! कभी न बुरा सोंचूं मैं, किसी का बुरा न करूं , जीवन यथार्थ करूँ मैं, मेरी यह अभिलाषा है ! मानवता का त्राण हरूं, नव युग का विश्वास बनूँ, पर हित का प्रयास करूं , मेरी यह अभिलाषा है ! किसी का मन न दुखे किसी को दर्द न पहुंचे मैं कर पाऊँ कुछ ऐसा मेरी यह अभिलाषा है ! भूख मिटे जो उदर की खाए न ठोकर दर-दर की, मिलजाय सबको ये सब , मेरी यह अभिलाषा है ! युद्ध लड़ना तो व्यर्थ है प्रेम से जीते तो अर्थ है , भूलें सब भेद-भाव अब , मेरी यह अभिलाषा है !
आपके विचारों का प्रतिबिम्ब !