सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नहीं रह पाता हूं सहज

नहीं रह पाता हूं सहज, देखकर दुधमुंहे बच्चे की दुर्दशा। मां जानती है इसे दूध पिलाना बहुत ज़रूरी है! पर क्या करे कहां से लाए साठ रुपए किलो पानी वाला दूध। अब समाज पर शासन जो इनका है, जिन्हें अपनी शामों के लिए ज़रूरी है सिंगल माल्ट या जैकडेनियल व्हिस्की। नहीं रह पाता हूं सहज देखकर कर्णधारों की दुर्दशा।