ये वो लोग हैं जो बाजार खरीदते हैं। ना कभी हारते हैं ना कभी जीतते हैं । हर शाम सौदा होता है इमानदारी का, हर शाम जमीर यहां पर बिकते हैं । कुछ एक हैं इस बाजार में अब भी, जो अपना हिसाब फरेबी लिखते हैं। लोग बड़े ही शातिर है लेन-देन में, काली नीयत उजला लिबास रखते हैं। होशियार रहना देश के इन गद्दारों से, नेता जो कुछ कुछ शरीफ दिखते हैं। ये वो लोग हैं जो बाजार खरीदते हैं। ना कभी हारते हैं ना कभी जीतते हैं ।
आपके विचारों का प्रतिबिम्ब !