कोई युद्ध अंतिम नहीं होता, कोई क्रांति नहीं होती आखिरी। शांति का पल नहीं ठहरता देर तक, न ही ठहरती है हवा बदलाव की। संघर्ष पैदा हो जाता है भूख के पैदा होते ही। वो फिर चाहे सर्वहारा का संघर्ष हो या फिर शोषितों का सत्ता के खिलाफ। समय समय पर होते रहेंगे युद्ध और क्रांतियां, क्योंकि परिवर्तन नियम जो है प्रकृति का।
आपके विचारों का प्रतिबिम्ब !