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होली मुबारक

 किससे कहें कि होली मुबारक, 

जनता को बस गोली मुबारक। 


नीलाम हो गई है सियासत,

बगुलों को अब बोली मुबारक। 


छप्पन भोग खाएं दलाल-दल्ले,

फकीर को तो झोली मुबारक। 


कोठियां रौशन हैं मक्कारों की,

धनिया की तो खोली मुबारक। 


खैर जिस -जिसकी जैसी हो ली,

अपनी -अपनी टोली मुबारक।

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बेख्याली

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