भोजन में
नमक उतना हीअपरिहार्य है ,
जितना कि
जीवन में लोनाई !
साल्टेड लेज चिप्स
के साथ रेड लेबल की
चुस्की लेने वाले
टेस्ट ( स्वाद) की
बातें तो खूब करते हैं
पर
उन्हें जोगनीनार के
अगरिया परिवारों के
दर्द से कोई
वास्ता नहीं !
मिल जाता है
जितनी आसानी से
नमक
उतना आसान नहीं
है नमक बनाना।
पीढ़ी दर पीढ़िया
खप रहीं हैं
कच्छ के
तटों पर।
शब्दार्थ : अगरिया- नमक की खेती करने वाले, जोगिनीनार - कच्छ का एक गाँव।
Asehniye pida ka ullekh boht khurut
जवाब देंहटाएंअगरिया antim sanskar m in ka sarir jalta Tak ni aag m 😭
जवाब देंहटाएंसत्य कहा आपने जिन सुविधाओं का हम लाभ उठाते हैं, उन्हें हम तक पहुँचाने वालों के कष्ट को हम कभी समझ नहीं पाते।
जवाब देंहटाएं🙏🙏
हटाएंसच का उद्गार करती, मन को छूती संवेदनशील रचना ।
जवाब देंहटाएं🙏🙏
हटाएंजी धीरेन्द्र जी , कच्छ के तट की इन वीभत्स सच्चाइयों को आम लोग कतई नहीं जानते | लोग जानना भी नहीं चाहते | और तीसरी बात जानकर वे कर ही क्या सकते हैं | जब तक शोषित खुद अपने शोषण के खिलाफ आवाज ना उठाएगा उसका भला कोई नहीं कर सकता | ईश्वर करे उनके दिन भी बेहतर हों उन्हें भी चैन से जीने का मौक़ा मिलें | नमक की लोनाई से उनके पैर , साँसे और तन सुरक्षित रहें | मार्मिक रचना के लिए साधुवाद |
जवाब देंहटाएंसाभार धन्यवाद आपका
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