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जब से पैदा होने लगे सिक्के !

पहले बोता था 
गेहूं और 
पैदा करता था
गेहूं आदमी!
जिससे पलता था
यह आदमी !!

भूल से
 न जाने कैसे;
बो गये कुछ 
सिक्के एक दिन,
फिर क्या था-

गेहूं की जगह 
जमीन 
ने शुरू कर दिए
पैदा करने सिक्के!

अब नही उगती 
गेहूं की वह फसल !
और भूखों मरने लगा 
यह आदमी !
जब से  पैदा होने लगे सिक्के!

टिप्पणियाँ

  1. ये सिक्के (नोट) बनाने वाला ही मानवता का सबसे बडा दुश्मन था.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  2. सार्थक और सटीक ..बधाई
    यहाँ भी पधारें
    http://www.rajeevranjangiri.blogspot.in/

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत प्रभावी ... सिक्कों की चमक में वो भूल गए की उन्हें खाया नहीं जा सकता ... लाजवाब रचना ...

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत बढ़िया। सिक्‍के की दुनिया सिक्‍के का आदमी।

    जवाब देंहटाएं
  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं

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