१- अंतर्मन में
कैसा है व्योमोहन,
व्यग्र जीवन !
कैसा है व्योमोहन,
व्यग्र जीवन !
२- होकर रिक्त
क्यों बना त्यक्त,
बन अच्युत !
क्यों बना त्यक्त,
बन अच्युत !
३- पाणि कृपाण
कर ग्रहण,
हेतु तू प्रहरण !
कर ग्रहण,
हेतु तू प्रहरण !
४- कर मनन ,
व्यर्थ न हो जीवन !
तज नन्दन !
५- है प्रभंजन
क्रूर काल भंजन
हो प्रद्योतन!
चल मगन
जवाब देंहटाएंछगन गगन-गगन
पंछी छज्जे-छज्जे...
बहुत ही बढियां प्रस्तुति...