तुम नही हो
तो भी तुम
मेरे अंदर हो,
सब कुछ लेकर
चले गये पर
कुछ शेष रहा
मेरे अंदर तुम्हारा
उस शेष को
न लेजा सके तुम
क्योंकि वह शेष
मेरा नहीं तुम्हारा था !
तुम्हारा होना या न होना
नहीं महसूसता अब
और यह शेष तुम्हारे
अस्तित्व की
स्मृति नहीं मिटने देता है !
तो भी तुम
मेरे अंदर हो,
सब कुछ लेकर
चले गये पर
कुछ शेष रहा
मेरे अंदर तुम्हारा
उस शेष को
न लेजा सके तुम
क्योंकि वह शेष
मेरा नहीं तुम्हारा था !
तुम्हारा होना या न होना
नहीं महसूसता अब
और यह शेष तुम्हारे
अस्तित्व की
स्मृति नहीं मिटने देता है !
सुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
उत्तम शब्द चयन और प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंआशा
कल 15/12/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
सुंदर !
जवाब देंहटाएंअस्तित्व क्या मिट सकेगा फिर भी ...
जवाब देंहटाएंये माया है जो हो के भी नहीं होगी जैसे न होके भी है ...
खूबसूरत अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंsundar prastuti...........
जवाब देंहटाएंbahut hi umda.... badhai..
जवाब देंहटाएंPlease visit my Tech News Time Website, and share your views..Thank you
सुन्दर अभिव्यक्ति
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