इस शहर में हर शख्स बिमार दिखता है,
तेरी शक्ल में परवरदिगार दिखता है।
कितना फरेब है दिलों में लोगों के,
हर चौराहे पर बाजार दिखता है।
क्या मासूमियत है इनके चेहरों पर,
मुझको तो बख्तर में हथियार दिखता है।
खड़ा वो शख्स जो दुश्मनों के साथ है,
हमदम मेरा जिगरी यार दिखता है।
वो शख्स जुबां मजहबी बोल रहा है,
हमको तो सियासत दार दिखता है।
तेरी शक्ल में परवरदिगार दिखता है।
कितना फरेब है दिलों में लोगों के,
हर चौराहे पर बाजार दिखता है।
क्या मासूमियत है इनके चेहरों पर,
मुझको तो बख्तर में हथियार दिखता है।
खड़ा वो शख्स जो दुश्मनों के साथ है,
हमदम मेरा जिगरी यार दिखता है।
वो शख्स जुबां मजहबी बोल रहा है,
हमको तो सियासत दार दिखता है।
Ration Card
जवाब देंहटाएंआपने बहुत अच्छा लेखा लिखा है, जिसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।