मेरे हालात को न ग़ज़ल समझे
न गीत समझे ,..........!
वख्त का था क्या तकाज़ा................2
न कोई जज़्बात समझे ,
न रीत समझे ............!
ये गुज़रे कल के ज़ख्म हैं ................२
जिन्हें न हमदम समझे,
न मीत समझे.................!
दिल कि बाज़ी में हार गये...............२
फिर भी न हार हम समझे,
न जीत समझे ................!
बाद मुद्दत के आये अश्क.................२
इन्हें न फाजिल समझे,
न प्रीत समझे.............!
मेरे हालात को न ग़ज़ल समझे
न गीत समझे ,..........!
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