रिश्ते
और उनके मायने
न जाने कहाँ छूट गये !
सारी संवेदनाएं
मात्र एक
नाटक पात्र स दृश्य
प्रदर्शित की जाती हैं !
मार्मिक दुर्घटनाओं पर
आलेख, टिप्पणी
पुस्तक रचना या
या फिल्मांकन किया जा सकता है!
परन्तु,
इन संवेदनाओं से
जुड़े कोमल तंतु जैसे रिश्तों के
आयाम और मूल्य स्थापित करना ,
निरर्थक और विडम्बना पूर्ण हैं!
पर अर्थ के उपार्जन हेतु
नाटक पात्र स दृश्य
प्रदर्शित की जाती हैं !
मार्मिक दुर्घटनाओं पर
आलेख, टिप्पणी
पुस्तक रचना या
या फिल्मांकन किया जा सकता है!
परन्तु,
इन संवेदनाओं से
जुड़े कोमल तंतु जैसे रिश्तों के
आयाम और मूल्य स्थापित करना ,
निरर्थक और विडम्बना पूर्ण हैं!
पर अर्थ के उपार्जन हेतु
रिश्तो को बेंच देते है
और उनका गला घोटने में भी
कोई ग्लानि नही होती !
और उनका गला घोटने में भी
कोई ग्लानि नही होती !
गहन भाव लिये बेहतरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंभावनाओं की सार्थक अभिव्यक्ति,,,
जवाब देंहटाएंresent post : तड़प,,,
.बहुत सुन्दर भाव अभिव्यक्ति .बधाई -[कौशल] आत्महत्या -परिजनों की हत्या [कानूनी ज्ञान ]मीडिया को सुधरना होगा
जवाब देंहटाएंसत्य को प्रदर्शित करती हुई सार्थक रचना ....वाह
जवाब देंहटाएंरिश्तों में अब भावनाएं नहीं स्वार्थ बसता है...
जवाब देंहटाएंआप मेरे ब्लॉग पर आएं...एक योजना पर काम कर रही हूं...आप उसे देख लीजिए और अवगत कराइए...
जवाब देंहटाएंकल 03/12/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
"अर्थ के उपार्जन हेतु ..." बहुत सटीक व सच्ची बात है वाकई गहन विचार ..
जवाब देंहटाएंमेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/11/3.html
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति !
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