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दिसंबर, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शेष

तुम नही हो  तो भी तुम  मेरे अंदर हो, सब कुछ लेकर  चले गये पर  कुछ शेष रहा  मेरे अंदर तुम्हारा  उस शेष को  न लेजा सके तुम  क्योंकि वह शेष  मेरा नहीं तुम्हारा था ! तुम्हारा होना या न होना  नहीं महसूसता अब  और यह शेष तुम्हारे  अस्तित्व की स्मृति नहीं मिटने देता है !