सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

जून, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बाज़ार वाद

बाज़ार वाद हावी है, रोटियों के लिए बिकना पड़ता है माँ को भी। शेम्पियन सस्ती है, उनके लिए, जो दो रोटियों की कीमत में। खरीदते हैं रातें एक अबला की। बनाते रहो यूँ ही बाज़ार, तभी तो पनपता रहेगा बाज़ार वाद ।

बीत जाना होता है हमें !!

कितना कठिन होता है समय का बीत जाना, और उससे कठिन होता है उस समय से गुजर जाना; कहते हैं समय ठहरता नहीं, और कभी कभी एक पल सदियाँ लेकर खड़ा हो जाता है वर्तमान! जैसे कि नहीं बीते हो तुम मुझमें और मैं बीतते -बीतते बीत रहा हूँ तुम्हारे अन्दर   !! पर जिन्दगी के लिए बीतना ही होता है दोनों को। और हाँ कब बीता है यह समय कि अब बीत जायेगा। समय नहीं बीतता बीत जाना होता है हमें  !!