कितना कठिन होता है
समय का बीत जाना,
और उससे कठिन होता है
उस समय से गुजर जाना;
कहते हैं समय ठहरता नहीं,
और कभी कभी
एक पल सदियाँ लेकर
खड़ा हो जाता है वर्तमान!
जैसे कि
नहीं बीते हो तुम मुझमें
और मैं बीतते -बीतते
बीत रहा हूँ
तुम्हारे अन्दर !!
पर जिन्दगी के लिए
बीतना ही होता है
दोनों को।
और हाँ कब बीता है
यह समय कि
अब बीत जायेगा।
समय नहीं बीतता
बीत जाना होता है हमें !!
समय का बीत जाना,
और उससे कठिन होता है
उस समय से गुजर जाना;
कहते हैं समय ठहरता नहीं,
और कभी कभी
एक पल सदियाँ लेकर
खड़ा हो जाता है वर्तमान!
जैसे कि
नहीं बीते हो तुम मुझमें
और मैं बीतते -बीतते
बीत रहा हूँ
तुम्हारे अन्दर !!
पर जिन्दगी के लिए
बीतना ही होता है
दोनों को।
और हाँ कब बीता है
यह समय कि
अब बीत जायेगा।
समय नहीं बीतता
बीत जाना होता है हमें !!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (14-06-2014) को "इंतज़ार का ज़ायका" (चर्चा मंच-1643) पर भी होगी!
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
धन्यवाद डॅा साहब ।
हटाएंबहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिखा है आपने,
जवाब देंहटाएंवक्त तो ठहरा है...हम आगे निकल गए शायद !!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर.....
अनु
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव विचारणीय सराहनीय रचना
भ्रमर ५
गढ़ा एहसास .. बीत जाना होता है हमें ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब |
जवाब देंहटाएंजैसे कि
जवाब देंहटाएंनहीं बीते हो तुम मुझमें
और मैं बीतते -बीतते
बीत रहा हूँ
तुम्हारे अन्दर !!
सुन्दर भावोक्ति
समय नहीं बीतता
जवाब देंहटाएंबीत जाना होता है हमें !!..... गहरा अर्थ, सुंदर अभिव्यक्ति !
बहुत अच्छी अभिव्यक्ति है।
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