जिन्दगी
कोई बिना जिन्दगी के
गुजरती नहीं,
कोई बिना जिन्दगी के
गुजरती नहीं,
सांसें दौड़
रहीं हैं
समय को हराने के लिए।
भले ही हार जायेंगी
एक दिन ।
रहीं हैं
समय को हराने के लिए।
भले ही हार जायेंगी
एक दिन ।
तब तक
हार मान कर
खुद ही टूटने वाली नहीं हैं।
हार मान कर
खुद ही टूटने वाली नहीं हैं।
फिर भला मैं
ये कैसे मान लूँ
कि हार चुका हूँ!
ये कैसे मान लूँ
कि हार चुका हूँ!
जब तक
हारा नहीं हूँ,
जीत की उम्मीद पर
जी तो सकता हूँ,
जी भर कर ।।
हारा नहीं हूँ,
जीत की उम्मीद पर
जी तो सकता हूँ,
जी भर कर ।।
खूबसूरत पंक्तियाँ |बैसे यह भी कहा जाता है कि जो हारता है वही जीत का आनंद उठा पाताहै |
जवाब देंहटाएंसच कहा है .... हारा हुआ इंसान तो जी नहीं पाता ... उम्मीद है जो जीने को प्रेरित करती है ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर पंक्तियां।
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