तोड़ कर दिल कोई जब
रिश्तों की बात करता है।
जैसे जिन्दगी उधार हो और
किश्तों की बात करता है।
उम्र भर दुश्मनी से दामन जोड़,
फरिश्तों की बात करता है।
लूट कर रात दिन का सुकून,
गुलिश्तों की बात करता है।।
तोड़ कर दिल कोई जब
रिश्तों की बात करता है।
रिश्तों की बात करता है।
जैसे जिन्दगी उधार हो और
किश्तों की बात करता है।
उम्र भर दुश्मनी से दामन जोड़,
फरिश्तों की बात करता है।
लूट कर रात दिन का सुकून,
गुलिश्तों की बात करता है।।
तोड़ कर दिल कोई जब
रिश्तों की बात करता है।
सुन्दर लिखा है.
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत खूब लिखा है ...
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