जिश्म को
जिन्दा रखने के लिए
गुजारनी पडती हैं
उसे रातें "unfamiliar "
जिश्मों के साथ !
कि जिन्दा रख सके
कुछ रिश्ते जो
या तो जन्म से मिले
या थोप दिए हैं
समाज ने उस पर !
और वह मजबूर है
जीने के लिए
इसी समाज में बनकर
कार्ल गर्ल !
40 का बीमार -अपाहिज पति
68 की बूढी मां
और 7 वर्ष की बच्ची
वह स्वयं 27 बसंत देखे हुए
अभिशापित सुंदर !
इन सब को जिन्दा रखने के लिए
समाज ने मजबूर किया
उसे कार्लगर्ल
बनने को !
ऑफिस का एम् डी
और पूरा मेल स्टाफ,
सबको बस एक ही चाह!
फिर क्यों वह
यहसब सहती
उसने कर लिया निर्णय
अब वह नही करेगी सहन
और समाज की अवधारणा को
कर दरनिकार
बनाएगी इसको
जीने का साधन !
यह कोई शौक नहीं है
और न ही कोई
बनना चाहेगी कार्ल गर्ल !
पर जब हर पुरुष ने
उसके जिश्म की
तरफ ही देखा और
नोचना चाहा !
फिर वह किस धर्म
और पाप का चिंतन करती !
कम से कम
आज उसकी मां,
पति और बच्ची
जीवित तो हैं !
भले ही "स्त्री "
मर गयी हो ;
इसमें क्या दोष है इस "स्त्री" का
यह तो समाज की ही अवधारणा है
जिसने न जाने कितनी ही
लड़कियों को
या तो मजबूर कर देता है
या जबरन बना देता है
कार्ल गर्ल !!
( एक ऐसी ही स्त्री जिसकी व्यथा सुनकर मैं कुछ न कर सका
सिवाय उसकी विवशता से आप को अवगत कराने के !
In the train journey to Odisha on 4th Feb- 2013)
बहुत भावनात्मक अभिव्यक्ति राजनीतिक सोच :भुनाती दामिनी की मौत आप भी जाने अफ़रोज़ ,कसाब-कॉंग्रेस के गले की फांस
जवाब देंहटाएंअत्यन्त सुन्दर अनुभूति अस्थाना बॉस।
जवाब देंहटाएंTrue reality of socity
जवाब देंहटाएंअस्थाना जी ...अपना समाज इस दोहरी मानसिकता का ही शिकार है
जवाब देंहटाएंआपकी इस कविता,इस सोच के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है कहने को
ऐसी अभिशापित स्त्री के लिए हम सब सारा समाज जिम्मेदार है,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST: रिश्वत लिए वगैर...
कम से कम
जवाब देंहटाएंआज उसकी मां,
पति और बच्ची
जीवित तो हैं !
भले ही "स्त्री "
मर गयी हो ;------marmik
the ugly side of the society.
जवाब देंहटाएंatyant hi marmik kathy hai......
जवाब देंहटाएं