ये जो
नुक्कड़ परगली के फेरी वाला खड़ा है ,
जानते हो कौन है वो ?
उसके काँधे पर
जो लटका हुआ झोला है
उसमें भरी हुयी है
एक बेहद उम्दा किस्म की
अफ़ीम।
जिसे वो बेचता नहीं है
सुंघाता है वो अवाम को
जिसके नशे में
मदहोश होकर
बेचारी जनता भूल जाती है
अपनी प्यास और भूख।
इस बार उसके झोले में
दो किस्म की अफीम है
जो उगाई गई है
एक ही मिट्टी में।
लेकिन फ़र्क ये है
इसके अपने अपने
तलबगार हैं।
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