सरकार की विभिन्न सरकारी योजनायें विकास के लिए नहीं; वरन "टारगेट अचीवमेंट ऑन पेपर" और अधिकारीयों की जेबों का टारगेट अचीव करती हैं! फर्जी प्रोग्राम , सेमीनार और एक्सपोजर विजिट या तो वास्तविक तौर पर होती नहीं या तो मात्र पिकनिक और टूर बनकर मनोरंजन और खाने - पीने का साधन बनकर रह जाती हैं! हजारों करोड़ रूपये इन योजनाओं में प्रतिवर्ष विभिन्न विभागों में व्यर्थ नष्ट किये जाते हैं! ऐसा नहीं है कि इसके लिए मात्र सरकारी विभाग ही जिम्मेवार हैं , जबकि कुछ व्यक्तिगत संस्थाएं भी देश को लूटने का प्रपोजल सेंक्शन करवाकर मिलजुल कर यह लूट संपन्न करवाती हैं ! इन विभागों में प्रमुख हैं स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा; कृषि, उद्यान, परिवहन, रेल, उद्योग, और भी जितने विभाग हैं सभी विभागों कि स्थिति एक-से- एक सुदृढ़ है इस लूट और भृष्टाचार कि व्यवस्था में! और हाँ कुछ व्यक्ति विशेष भी व्यक्तिगत लाभ के लिए, इन अधिकारीयों और विभागों का साथ देते हैं; और लाभान्वित होते है या होना चाहते ह
बहुत खूब ..
जवाब देंहटाएंबधाई आपको !
अंतिम पंक्ति में शायद "भूखे से निवाले मत चुरा हैं "क्या ?
जवाब देंहटाएंबहुत ही सार्थक लेखन ,अस्थाना सर जी ,|
पढ़िए-..............लिंक सहित -
प्रकृति के मनमोहक ,शांत वातावरण में ...मन में उमड़े कुछ उच्च विचार ,जो सफलता ,समृद्धि और शांति की ओर ले जाते हैं |पढ़िए-
“एक शाम संगम पर {नीति कथा-डॉ.अजय} "
एक अविवाहित युवक का विवाहित जीवन के बारे में सुंदर कथा ...सुदर रूपको से सजी कथा ...पढ़िए -
“तू मेरी जिंदगी हैं ....{कथा लेखन -डॉ.अजय यादव }"
हम सबमे अनंत शक्तियाँ हैं,हम सब इस पृथ्वी पर जन्मे ईश्वर के अंश हैं ,हमारी शक्तियों पर शोर्ट नोट-
“आपके अवचेतन मन की शक्तियाँ"
अक्सर जिंदगी गुजर जाने के बाद ..कुछ चीजों का अफ़सोस रह जाता हैं .अभी वक्त हैं ..सचेत करने वाली पोस्ट -
“जिंदगी {आपसे कुछ कह रही हैं ....}"
अपने जीवन कों खूबसूरती,स्वास्थ्य ,सफलता ,उत्तमता ,ध्यान समृद्धि से कैसे भरे ,आडियो गाईडेंस युक्त पोस्ट ,जरुर पढे,व सुने -
“हर सपना होंगा सच-बैज्ञानिक ढंग से तैयार विजुलायिजेसन की आडियो "
आडियो प्रोग्राम ,आडियो लोड कीजिये आँख मुद् कर शांत जगह बैठिये ,गहरे मेडिटेशन कों महसूस कीजिये -
“उर्जा का अथाह सागर ....अवचेतन मन "
मेरी २४ वर्षीया शिक्षिका ,जो इस दुनिया में नही हैं ,पर इस दुनिया कों जो देकर गयी ,उसके लिए आज भी उनके छात्र और मित्र रोते हैं ,सुंदर कथा
“रेखा मैडम "
बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंबहुत जबर्दस्त।
जवाब देंहटाएंवाह जी !!!!लाजबाब बहुत खूब,,,आस्थाना जी,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : तस्वीर नही बदली
bahut khub..............
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जवाब देंहटाएंअस्थाना जी ,बहुत जबरदस्त ग़ज़ल, बधाई !
latest post नेताजी सुनिए !!!
latest post: भ्रष्टाचार और अपराध पोषित भारत!!
मुफलिसी या अमीरी फर्क चश्मे का,
जवाब देंहटाएंभूख से निवाले तो न चुरा ..
सच कहा है .. भूख तो सभी की एक सी होती है ... निवाले नहीं चुराने चाहियें ... लाजवाब हैं हर शेर ...
स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनायें ...
हो रहा है ज़ार-ज़ार कफ़न,
जवाब देंहटाएंताबूत से लाश तो न चुरा !
दुश्वार है जीना एक आदमी का,
आदमियत से आदमी तो न चुरा !
बहुत खूब अस्थाना जी