लौटकर आने की हो उम्मीद जिनकी;
वो राही भटके हुए बताये नहीं जाते !
आ ही जाते हैं शम्मा के जलने पर;
परवाने कभी बुलाये नहीं जाते !
जब्त रहने दो जज्बातों को अभी,
राहे मुसाफिर से जताए नही जाते !
जवाँ तो होने दो महफ़िल को जरा;
साज-ए-गम अभी से बजाये नहीं जाते !
बेअदबी है , तन्हा दिल की नुमाइश,
जख्म महफ़िल में दिखाए नहीं जाते !
Wah!! bahut sunder
जवाब देंहटाएंस्वागत है
हटाएंबहुत सराहनीय प्रस्तुति.आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
जवाब देंहटाएंऔर बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है बस लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये
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