तुम्हें याद होगा!
नीली रोशनी में
काँपते हुए
नीले होंठों से कहा था-
"--------------------!"
तुम्हें याद होगा!
सावन की हल्की फुहारों में
सकुचाते ह्रदय से कहा था-
"------------------!"
तुम्हें याद होगा!
अंगीठी के पास
लाल सुर्ख चेहरे से
शर्माते हुए कहा था-
"----------------!"
और यह कहती हुई
मुझे तनहाई में
सन्नाटे देकर चली गयी-
" इंतजार, इंतजार करो ! "
नीली रोशनी में
काँपते हुए
नीले होंठों से कहा था-
"--------------------!"
तुम्हें याद होगा!
सावन की हल्की फुहारों में
सकुचाते ह्रदय से कहा था-
"------------------!"
तुम्हें याद होगा!
अंगीठी के पास
लाल सुर्ख चेहरे से
शर्माते हुए कहा था-
"----------------!"
और यह कहती हुई
मुझे तनहाई में
सन्नाटे देकर चली गयी-
" इंतजार, इंतजार करो ! "
उम्दा प्रस्तुति |आशा
जवाब देंहटाएंइंतज़ार का फल मीठा होता है, इसीलिए लगता है कहा गया है।
जवाब देंहटाएंBahut badhiya...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर शब्दचित्र!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...! सुप्रभात...शनिवार आपको मंगलमय हो...!
जवाब देंहटाएंवाह...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर .......
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