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इंतजार, इंतजार करो

तुम्हें याद होगा!
नीली रोशनी में
काँपते हुए  
नीले होंठों से कहा था-
"--------------------!"  

तुम्हें याद होगा! 
सावन की हल्की  फुहारों में
सकुचाते ह्रदय से कहा था- 
"------------------!"  

तुम्हें याद होगा! 
अंगीठी के पास
 लाल सुर्ख चेहरे  से 
शर्माते हुए कहा था- 
"----------------!"  

और यह कहती हुई 
मुझे तनहाई में  
सन्नाटे देकर चली गयी- 
" इंतजार, इंतजार करो ! "

टिप्पणियाँ

  1. इंतज़ार का फल मीठा होता है, इसीलिए लगता है कहा गया है।

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...! सुप्रभात...शनिवार आपको मंगलमय हो...!

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