वक्त कुछ इस तरह बुरा है,
अपनों को अपना कहना बुरा है!
हर वो हवा जो बहारो से गुजरी,
हवा का अब ठहरना बुरा है !
धडकनों को होंगी दिक्कतें बहुत,
दिल में किसी के रहना बुरा है !
खुद को समझ न पाया कभी ,
किसी और को समझना बुरा है !
दोस्ती-दुश्मनी की रंज क्या कहें-
दोनों में ही जीना -मरना बुरा है!
वक्त कुछ इस तरह बुरा है,
अपनों को अपना कहना बुरा है!
?
बुराई की ही जमाना है - अच्छी अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंNew post : दो शहीद
समय और परिस्थितियों का फेर है.
जवाब देंहटाएंप्रभावी प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंआभार ||
वक्त कुछ इस तरह बुरा है,
जवाब देंहटाएंअपनों को अपना कहना बुरा है!,,,,आज के वक्त का यही तकाजा है,,,
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