वेदना की
अनुभूति तो होगी;
पर अनुभूति
वेदना को हो
जरूरी तो नहीं!
क्योंकि,
वेदना से पहले
अनुभूति का गला
घोंट दिया जाता है!
वेदना !
तो होगी ही ,
अनुभूति होना
जरूरी तो नहीं!!
क्योंकि
वेदना के पश्चात,
अनुभूति करना
छोड़ दिया जाता है !
अनुभूति तो होगी;
पर अनुभूति
वेदना को हो
जरूरी तो नहीं!
क्योंकि,
वेदना से पहले
अनुभूति का गला
घोंट दिया जाता है!
वेदना !
तो होगी ही ,
अनुभूति होना
जरूरी तो नहीं!!
क्योंकि
वेदना के पश्चात,
अनुभूति करना
छोड़ दिया जाता है !
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