तुमने कभी पूंछा नहीं,
मैं अपनी क्या बताता?
शायद सुनना उचित न समझा होगा!
वह प्रेम ही था जो तुमने,
कुछ पल मेरे साथ बिताये थे!
पर यह वर्तमान है उस अतीत के
प्रेम का भविष्य !
जिसे एक आत्मा, पृथक -पृथक
शरीरों में जी रही है,
एकांकी जीवन!
परन्तु वह प्रेम!
अब भी है उसी तरह पवित्र;
वह मिलन दो शरीरों का नहीं ;
एक आत्मा का था, जो अब
दो शरीओं में जी रही है
एक सा अधूरा,
एकांकी जीवन !
Bahut Khoobsoorta panktiyan... Shandar
जवाब देंहटाएंBahut Hi Prempoorna or Shandar Panktiyan...
जवाब देंहटाएंsundar hai..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर.....!!
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