अजीब दास्ताँ है,
इस अजीब दुनिया के
अजीब लोगो की ;
कुछ के पास
वस्त्र नहीं
और कुछ,वस्त्रों से
वास्ता ही नही रखना चाहते,
शायद
ये किसी का शौक
और किसी की
मजबूरी होती है,
ठीक
इसी तरह
कोई भूख से
तो कोई
भोजन से
वंचित रहता है
और
जिनके पास
सीमित साधन और
आवश्यकताएं हैं,
वो इन अजीब लोगों के
शौक और मजबूरी पर
बेचैन हैं/
अब विचार करना है
हम और आप
क्या हैं ?
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