अभियक्त के
मुकद्दमे की ,
बहस में,
अधिवक्ता महोदय
बोले अदालत में ,
'
योरानर ! -
इस बेचारे ने तो
अबला की रक्षा में ,
हाथ बढ़ाया /
और समाज ने
बिना अर्थ के ही
इसे बलात्कारी
बताया/
अब आप ही
न्याय करें,
क्या, क्यों , कोई?
अबला की
रक्षा न करे /
यदि ,
यही बलात्कार है ,
तो नारी को
नग्न करने में
कौन सी धारा
लागू होती है ?
जब सौन्दर्य प्रतियोगिता या
फिल्म के दृश्य में ,
नग्न की जाती है /
जब हृदय और
उसकी संचेतना
भग्न की जाती है ,
तब-
"उनपर "
कौन सा
मुकद्दमा
चलाया जाता है ,
बस
आधुनिकता का
नाम देकर,
समाज का
चलन बताया जाता है/
(ग्यारह वर्ष पूर्व एक सत्य घटना से आहत हुए हृदय के भाव )
शनिवार, ९-१२-२०००
सीतापुर उत्तर प्रदेश
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें