जीवन ,
एक वह सत्य है ;
जिसे जी कर भी न
जाना जा सका
और
मृत्यु पश्चात
तो है
चिर रहस्य !
पर
अभी भी
युग पुरुष
कर रहे है प्रयास,
जानने को
जानने को
जीवन की सार्थकता ,
क्या
जन्म और मृत्यु ,
मात्र भ्रम हैं
या किसी सृजेता का
कल्पनामयी
स्वप्न !
प्रत्येक जीवन
इसी उहापोह में
बीत जाता है ,
और
चिर प्रश्न
प्रश्न ही बने रहते है!
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