पेट की भूख को
शब्द देने में
मैं खुद को
असफल पाता हूँ !
एक पुरानी थाली,
जो खाली है,
सदियों से;
आज भी
उसकी रिक्तता को
शब्द देने में
मैं खुद को
असफल पाता हूँ !
भूख कभी नहीं मरती;
मर जाता है
भूख से पीड़ित आदमी!
और उसकी व्यथा को
व्यक्त करने की छटपटाहट में,
जिन्दा रहते है शब्द
जिन्हें कोई नहीं
मार सकता !
भूख को व्यक्त करने की छटपटाहट में बस शब्द ही बचते हैं ...बहुत खूब
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