निकलते ही बहर,
होने लगती है चुभन;
सरे बदन में
कहीं दृष्टि की चुभन
कहीं तीक्ष्ण शब्द बाण!
लालची भेड़िये
एक हिरनी के मांस को
चट कर जाने की
चेष्टा में!
घूरते टटोलते
बदन के हर हिस्से की
नाप तौल करते
मौके की तलाश में;
झपटने को
लगाकर घात
निगल जाना चाहते हैं,
पर;
कुछ हैं सामाजिक सिद्धांत
जिनकी ओट में
करते हैं वो शिकार,
पहले व्याह,
फिर वीभत्स बलात्कार!!
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