ऑक्टोपस;
सागर की तलहटी में,
या समाज की मुंडेर पर,
लीलते जलीय तुच्छ जन्तु
या जीते-जागते मानव का
पूरा-पूरा शरीर!
चूंस कर
उनकी रगों की रंगत,
व् निचोड़ कर
उसका मकरंद;
हमारे बीच,
हममें से ही
जाने कितने ऑक्टोपस
छिपे हुए
लपेटे चोला मानव का;
पहचानना होगा,
अंतर जानना होगा ,
हमें ऑक्टोपस से
मानव का !
सागर की तलहटी में,
या समाज की मुंडेर पर,
लीलते जलीय तुच्छ जन्तु
या जीते-जागते मानव का
पूरा-पूरा शरीर!
चूंस कर
उनकी रगों की रंगत,
व् निचोड़ कर
उसका मकरंद;
हमारे बीच,
हममें से ही
जाने कितने ऑक्टोपस
छिपे हुए
लपेटे चोला मानव का;
पहचानना होगा,
अंतर जानना होगा ,
हमें ऑक्टोपस से
मानव का !
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