इस दुनिया के रंग हजार,
हजारों रंग के हैं नजारे!
भाई -भाई का दुश्मन यहाँ
रहा न भरोसा अब यार का;
माँ-बेटे में खिचीं हैं दीवारे
उठ गया जनाजा प्यार का!
सब हैं गमगीन यहाँ पर;
कौन जिए किसके सहारे!
इस दुनिया के रंग हजार,
हजारों रंग के हैं नजारे!
तेरा-मेरा एक धोका यहाँ,
हर रिश्ता एक छालावा है ;
गैरों की हम बात क्या करें?
अपनापन एक भुलावा है,
कौन है किसका इस जहाँ में
सभी कर लेते हैं किनारे!
इस दुनिया के रंग हजार,
हजारों रंग के हैं नजारे!
पहले अपनापनदेकर,
फिर बेगाना कर देना
है इस जहाँ की रस्म यही ,
गमों का जहर भर देना;
रिश्तों का खंजर बनाकर;
अपने ही अपनों को मारें!
इस दुनिया के रंग हजार,
हजारों रंग के हैं नजारे!
हजारों रंग के हैं नजारे!
भाई -भाई का दुश्मन यहाँ
रहा न भरोसा अब यार का;
माँ-बेटे में खिचीं हैं दीवारे
उठ गया जनाजा प्यार का!
सब हैं गमगीन यहाँ पर;
कौन जिए किसके सहारे!
इस दुनिया के रंग हजार,
हजारों रंग के हैं नजारे!
तेरा-मेरा एक धोका यहाँ,
हर रिश्ता एक छालावा है ;
गैरों की हम बात क्या करें?
अपनापन एक भुलावा है,
कौन है किसका इस जहाँ में
सभी कर लेते हैं किनारे!
इस दुनिया के रंग हजार,
हजारों रंग के हैं नजारे!
पहले अपनापनदेकर,
फिर बेगाना कर देना
है इस जहाँ की रस्म यही ,
गमों का जहर भर देना;
रिश्तों का खंजर बनाकर;
अपने ही अपनों को मारें!
इस दुनिया के रंग हजार,
हजारों रंग के हैं नजारे!
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